उज्जैन | पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है, जब उन्होंने डिजिटल हाउस अरेस्ट में बंधक बनाए गए परिवार को मुक्त कराया। Digital House Arrest एसपी प्रदीप शर्मा की तत्परता से मेनेजर मनीष दीक्षित को बदमाशों के चंगुल से मुक्त कराया गया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दिलीप बिल्डकॉन के मैनेजर मनीष दीक्षित को ऑनलाइन फ्राड करने वाले बदमाशों ने Digital House Arrestदिल्ली पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर झूठे केस में गिरफ्तारी का डर दिखाया और डिजिटल हाउस अरेस्ट कर लिया था। बदमाश बड़ी रकम ट्रांसफर की तैयारी कर रहे थे, लेकिन समय पर सूचना मिलने पर एसपी प्रदीप शर्मा ने तत्काल नानाखेड़ा पुलिस को भेजकर दीक्षित और उनकी पत्नी को भय मुक्त करवाया और लाखों रुपए के ट्रांजेक्शन को रोक दिया।
इस सफलता के लिए एसपी प्रदीप शर्मा और उनकी टीम की प्रशंसा की जा रही है। Digital House Arrest उनकी तत्परता और सूझबूझ से एक परिवार को बड़ी मुसीबत से बचाया गया है।
साइबर क्राइम का यह बिलकुल नया तरीका है, Digital House Arrest जिसमें स्कैमर्स पुलिस, सीबीआई या कस्टम का अधिकारी बनकर आपको कॉल करते हैं और डराकर घर पर ही बंधक बना लेते हैं। स्कैम का यह खेल यहीं से शुरू होता है। इस तरह के स्कैम को डिजिटल हाउस अरेस्ट कहते हैं। यहां हम आपको इस स्कैम और इससे बचने के उपाय के बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।
जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि इसमें स्कैमर्स पीड़ित को कॉल या वीडियो कॉल करते हैं और बंधक बना लेते हैं। Digital House Arrest जैसा कि हमने बताया स्कैमर्स एक ऐसा सेटअप बना लेते हैं, जिसमें लगता है कि वे पुलिस स्टेशन से बात कर रहे हैं। साइबर अपराधी पीड़ित को कॉल करके कहते हैं कि आपके फोन नंबर, आधार, बैंक अकाउंट से गलत काम हुए हैं। वे गिरफ्तारी का डर दिखाकर पीड़ित को घर पर ही कैद कर लते हैं। उन्हें पैसे देने के लिए मजबूर कर देते हैं।