- बाबा महाकाल की सवारी के लिए भक्त ने दान की करीब 23 किलो चांदी की पालकी,
- 100 दिन में उज्जैन के ही कारीगरों ने तैयार की आकर्षक पालकी,
- विधिवत पूजन अर्चन कर महाकाल मन्दिर समिति को सौंपी गई रजत पालकी,
- 25 लाख रुपए है पालकी की कीमत,
उज्जैन | विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में जहां एक और देश के कई बड़े vip श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है तो वही इन वीआईपी श्रद्धालुओं द्वारा मन्दिर में दान देने का सिलसिला भी लगातार जारी है। रविवार को एक भक्त ने mahakal news महाकाल मन्दिर समिति को चांदी की पालकी भेंट की। खास बात तो यह है कि वर्ष में सावन, भादो, कार्तिक, अगहन माह व दशहरे पर बाबा महाकाल की सवारी निकाले जाने की परंपरा है। बाबा की सवारी में चांदी की पालकी शामिल की जाती है। इसी पालकी में बाबा महाकाल को विराजित किया जाता है और फिर बाबा नगर भ्रमण पर निकलते है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!महाकाल मन्दिर में यूं तो बड़ी मात्रा में नगद राशि दान में आती है इसके अलावा चांदी के आभूषण और भक्तों की सुविधा के लिए भी सामग्री दान की जाती है। रविवार को एक भक्त ने महाकाल मंदिर समिति को चांदी की पालकी भेंट की। दरअसल यह पालकी महाकाल मन्दिर के पुरोहित भावेश व्यास और लोकेश व्यास की प्रेरणा से छत्तीसगढ़ भिलाई के भक्त ने दान दी है । भक्त द्वारा दान दी गई पालकी में चांदी का वजन 23 किलो है, जिसकी लागत 25 लाख बताई जा रही है । यह रजत पालकी उज्जैन के ही कारीगर द्वारा 100 दिनों में तैयार की गई । इस पालकी में सूर्य, चंद्रमा और कमल फूल की आकर्षक नक्काशी की गई है, साथ ही पालकी की मजबूती का भी ख्याल रखा गया हैं ।
महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष व जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ की उपस्थित में रजत पालकी का पंडे पुजारी और पुरोहित द्वारा विधि विधान के साथ पूजन अर्चन किया गया ।